Unified Pension Scheme केंद्र की मोदी सरकार ने अपने 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इस स्कीम के अंतर्गत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक काम किया है तो उसे रिटायरमेंट के पहले नौकरी के आखिरी 12 महीनों के औसत वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस स्कीम का लाभ 23 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।
क्या है Unified Pension Scheme (UPS)?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): इस स्कीम के तहत केद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए फिक्स पेंशन का प्रावधान किया है। Unified Pension Scheme के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम बारह महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे।
पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए। इसके अलावा न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। नई पेंशन योजना न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। यानी केंद्रीय कर्मचारियों को कम से कम 10 हजार रुपये का फिक्स पेंशन मिलेगा।
कौन से कर्मचारी ले सकते हैं UPS का फायदा?
सभी केन्द्रीय कर्मचारियों के पास NPS या UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। केंद्र सरकार ने कहा है कि 2004 के बाद से NPS के तहत पहले ही रिटायर हो चुके या अभी काम कर रहे कर्मचारी इस यूनिफाइड पेंशन स्कीम को चुन सकते हैं।
क्या राज्य सरकारें भी करेंगी अपने राज्यों में लागू?
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अगर राज्य सरकारें चाहें तो इसी आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए भी Unified Pension Scheme लागू कर सकती हैं। ऐसा होता है तो देश भर में 90 लाख राज्य सरकारों के कर्मचारियों को भी फायदा हो सकता है
Unified Pension Scheme, New Pension Scheme से कितना अलग है?
UPS में कर्मचारियों को OPS की तरह फिक्स पेंशन देने का प्रावधान है, जबकि NPS में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है।
UPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा।
Unified Pension Scheme के महत्वपूर्ण बिन्दु
- यूपीएस का फार्मूला यह है कि अगर कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी राशि बतौर पेंशन दी जाएगी। अगर सेवा काल 10 से 25 वर्षों का है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
- Unified Pension Scheme स्कीम का सबसे महातपूर्ण बिन्दु यह है कि इसमें कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस में बाजार में निवेशित राशि के हिसाब से पेंशन राशि मिलने की व्यवस्था है।
- यूनिफाइड पेंशन स्कीम का तीसरा अहम पहलू यह है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित (पति या पत्नी) को पेंशन राशि का 60 फीसदी सुनिश्चत पारिवारिक पेंशन के तौर पर दी जाएगी।
- चौथा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो उनकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी।
- पाँचवा महत्वपूर्ण बिन्दु यह है की पेंशन की राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है, यानी खुदरा महंगाई दर बढ़ेगी तो पेंशन की राशि भी बढ़ेगी। महंगाई भत्ता के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा।
- केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि आज की तारीख में जो न्यूनतम वेतन है उसके आधार पर न्यूनतम पेंशन की राशि 15 हजार रुपये बनती है।
- छठा महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि सेवा में संपन्न हर छह माह के लिए मूल वेतन का 10 फीसद राशि एकमुश्त मिलेगी जो ग्रेच्यूटी के अलावा होगी।
- सूचना व प्रसारण मंत्री के मुताबिक मोटे तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए एक कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से सेवानिवृत्त होने पर मिलेगा।
केन्द्र सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा?
एनपीएस में कर्मचारियों को पेंशन के लिए सैलरी का 10% हिस्सा योगदान करना होता है। वहीं, सरकार 14% करती है। वहीं, यूपीएस में सरकार 18.5% योगदान देगी। इससे कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि, ऐसा करने से सरकार पर पहले साल 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
Unified Pension Scheme कब से होगी लागू?
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम 01 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इससे सीधे तौर पर 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा। क्योंकि सरकार का आकलन है कि अभी कार्यरत 99 फीसद से ज्यादा केंद्रीयकर्मियों के लिए एनपीएस से ज्यादा यूपीएस आर्थिक तौर पर फायदेमंद होगा।
एनपीएस वर्ष 2004 से लागू है और तब से अभी तक जितने सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति हुए हैं उनको यूपीएस के तहत पेंशन सुविधा लेने का विकल्प मिलेगा। अगर कर्मचारी ऐसा करते हैं तो उन्हें जो अतिरिक्त राशि व उसका ब्याज बनेगा, उसका भुगतान केंद्र से होगा। ऐसे कर्मचारियों को केंद्र को 800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा।